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Wednesday, July 26, 2017

योग ईश्वर के साथ तादात्म्य की विधी है

योग ईश्वर के साथ तादात्म्य की विधी है
योग का अर्थ है जुड़ना , जोड़ , इसे अलग-अलग ऋषियों ने अलग अपने तरीके से समझा , बताया .
ये परिकल्पना वैदिक काल से चली आ रही है.
वेद व्यास जी ने महाभारत में कृष्ण मुख से योग समझाया.
पातञ्जली जी ने अपना योग बताया.
शिव संहिता में शिव अपने मुख से पार्वती जी को समझाते है.
बुद्ध के वज्रयान का अलग योग है. 

एक माल ऐसी भी जपें के

साँस लें तो राम छोड़ें तो हनुमान