आँख ( या आँखों) से सूर्य ( या कई सूर्य) जनता है( जनते हैं)ः. पुरुष सूक्त
आँख का सम्बन्ध सूर्य से होता है.
आठ मिनिट का ध्यान किया जाता है सूर्योदय से ठीक पहले.
आँखों को धो लेना चाहिए . पूर्व दिशा में निमेष खुली आँखें रखकर दृष्टि क्षितिज पर होना चाहिेए. अनुभव करेंगे कि जैसे हम सोकर उठते हैं , वैसे ही कुछ समय सृष्टि भी लगाती है. दृष्टि क्षितिज पर रहती है, पर ध्यान सम्पूर्ण सृष्टि के जागरण पर होता है.
सूर्य के रौद्र होने (किरणें सीधी पडने लगने पर) के ठीक पहले इसे समाप्त कर दिया जाता है.
ईश्वर से तादात्म्य का सबसे जाग्रत उपाय है प्रकृति से तादात्म्य .
सूर्य दृष्टिमान प्रकृति का सबसे शक्तिशाली बिम्ब है.
इसलिए सर्वप्रथम इसे ही आराधना चाहिए.
आँख का सम्बन्ध सूर्य से होता है.
आठ मिनिट का ध्यान किया जाता है सूर्योदय से ठीक पहले.
आँखों को धो लेना चाहिए . पूर्व दिशा में निमेष खुली आँखें रखकर दृष्टि क्षितिज पर होना चाहिेए. अनुभव करेंगे कि जैसे हम सोकर उठते हैं , वैसे ही कुछ समय सृष्टि भी लगाती है. दृष्टि क्षितिज पर रहती है, पर ध्यान सम्पूर्ण सृष्टि के जागरण पर होता है.
सूर्य के रौद्र होने (किरणें सीधी पडने लगने पर) के ठीक पहले इसे समाप्त कर दिया जाता है.
ईश्वर से तादात्म्य का सबसे जाग्रत उपाय है प्रकृति से तादात्म्य .
सूर्य दृष्टिमान प्रकृति का सबसे शक्तिशाली बिम्ब है.
इसलिए सर्वप्रथम इसे ही आराधना चाहिए.
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